Neelakshi Joshi is an architect and urban planner passionate about sustainable development. She has worked at the Auroville Earth Institute, UNESCO chair for earth construction (2010-12) specializing in low cost and sustainable earth based construction. As a continuation of this work she travelled to the Trans Himalayan region of Ladakh and worked alongside local entrepreneurs to set up a solar-earth construction company. She is currently a doctoral candidate at the Dresden Leibniz Graduate School, Germany. Her work focuses on the risks of rapid unplanned urbanization in the Himalayas.
Her slam with Sehrish and Fawad shares the story of meeting people from a country which was often described as an ‘enemy state’ in her growing-up years in India. Meeting real people from behind a hostile border was a revelation to her own prejudices and perceptions. This slam makes a case for people to people contact as a pathway to peace.
नीलक्षी जोशी स्थायी वास्तुकार और शहरी नियोजक हैं| उसने ऑरोविले पृथ्वी अर्थ इंस्टिट्यूट (2010-12) में मिटटी के निर्माण और कम लागत की इमारतों के निर्माण में विशेषज्ञता हासिल की| इस काम की निरंतरता के रूप में उन्होंने लद्दाख के ट्रांस हिमालय क्षेत्र में यात्रा की और स्थानीय उद्यमियों के साथ एक सौर-पृथ्वी निर्माण कंपनी स्थापित करने के लिए काम किया। वह फिलहाल ड्रेस्डन लीबनिज़ ग्रेजुएट स्कूल, जर्मनी में डॉक्टरेट के उम्मीदवार हैं। उनका वर्तमान काम हिमालय में तेजी से अनियोजित शहरीकरण के खतरों पर केंद्रित है।
सेहरिश और फवाद के साथ उसका स्लैम एक ऐसे देश से मिलने वाले लोगों की कहानी बताता है जिसे अक्सर भारत में उनके बढ़ते वर्षों में ‚दुश्मन राज्य‘ के रूप में वर्णित किया जाता था। एक शत्रुतापूर्ण सीमा के पीछे असली लोगों से मिलना उनके स्वयं के पूर्वाग्रहों और धारणाओं के लिए एक रहस्योद्घाटन था। यह स्लैम लोगों के बीच संपर्क को शांति का मार्ग पर अग्रसर होने का एक उद्धरण प्रस्तुत करता है|