Himani Arora came to Germany from India in 2012 as an Erasmus Mundus Scholar to pursue her Master’s Degree in Material Science. As an Erasmus Mundus fellow, she studied not only in Germany but also in France and Belgium. She is currently a PhD student under NanoNet Fellowship at Helmholtz-Zentrum Dresden-Rossendorf (HZDR) in Dresden and working with two-dimensional (2D) materials, the thinnest materials known on Earth, which hold huge potential for building faster electronics than ever.
„To me, travelling is a way to live. Visiting culturally different and isolated places of the world is what drives me forward. It has given me a new perspective and outlook to life, enabling me to befriend different cultures. In the last 12 months, I visited 4 continents and 9 countries, from the exotic Madagascar and outlandishly beautiful Reunion Island to the vibrant, energetic and full of life New York City!
In my peace slam, ‚My experiments with Peace‘, I convey my understanding of peace (outer and inner) as gathered from people I met from different backgrounds and cultures while travelling through various cities and countries. I observed how the meaning of peace changes with one’s surroundings e.g. from someone in India struggling to earn his bread to someone in Germany fighting for refugees to someone in New York City fighting with bouncers to enter a club 😉
In the end, I would like to speak about my way of attaining peace with Yoga, which has brought me intense inner and mental peace.“
हिमानी अरोड़ा, 2012 में भारत से पदार्थ विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए इरास्मस मुन्डस स्कॉलरशिप के अंतर्गत जर्मनी आईं। इस दौरान उन्होंने न केवल जर्मनी बल्कि फ्रांस और बेल्जियम में भी अध्ययन किया। वर्तमान में वह ड्रेस्डन में हेल्महोल्त्स-ज़ेंटरुम ड्रेस्डन-रोसेंडोर्फ (एचज़ीडीआर) में नैनोनेट फैलोशिप के तहत एक पीएचडी छात्रा हैं। वह दो-आयामी (2डी) पदार्थों पर काम कर रहीं हैं, जो कि पृथ्वी पर ज्ञात सबसे पतले पदार्थ हैं और भविष्य में उच्च गति के इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने की क्षमता रखते हैं।
मेरे लिए, यात्रा जीने का एक माध्यम है। दुनिया के सांस्कृतिक रूप से विभिन्न और अनोखे जगहों पर जाकर मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। यात्रा से मुझे जीवन और परिप्रेक्ष्य के लिए एक नया दृष्टिकोण मिला जिसने मुझे विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के साथ दोस्ती करने में सक्षम बनाया। पिछले 12 महीनों में, मैंने 4 महाद्वीपों के 9 देशों का दौरा किया, जिसमे मैडागास्कर और अति सुंदर रीयूनियन द्वीप से लेकर जीवंत और ऊर्जावान न्यूयॉर्क शहर शामिल हैं!
मेरे शांति स्लैम, „शांति के साथ मेरे प्रयोग“ में मैं शांति (बाहरी और आंतरिक) पर अपने विचारों को प्रकट करना चाहूँगीं, जो मैंने विभिन्न शहरों और देशों में मेरी यात्रा के दौरान विभिन्न पृष्ठभूमि और संस्कृतियों से मिले लोगों से इकट्ठा किए हैं। मैंने गौर किया कि, किस तरह परिस्थितियों के साथ शांति का अर्थ बदल जाता है। उदाहरण के तौर पर भारत में जो अपनी रोटी कमाने के लिए संघर्ष कर रहा है, उसके लिए शांति का मायना जर्मनी में शरणार्थीयों के अधिकारों के लिए लड़ रहे या फिर न्यूयॉर्क शहर में बाउंसर के साथ क्लब में प्रवेश करने के लिए बहस कर रहे इंसान से काफी अलग है। 😉
अंत में, मैं योग से शांति प्राप्त करने के अपने तरीके के बारे में बताना चाहूंगीं, जिससे मुझे गहन आंतरिक और मानसिक शांति प्राप्त हुई है।